चुकन्दर के गुण और उससे होने वाले आयुर्वेदिक इलाज





परिचय (Introduction)

चुकन्दर एक कन्दमूल है। चुकन्दर में `प्रोटीन` भी मिलती है। यह जठर और आंतों को साफ रखने में उपयोगी है। चुकन्दर रक्तवर्द्धक , शक्तिदायक (शरीर मे ताकत देने वाला), शरीर को लाल बनाने वाला और कमजोरी को दूर करने वाला है। चुकन्दर का सेवन करने से शरीर का फीकापन दूर हो जाता है। शरीर लाल बनता है एवं शरीर में एक विशेष प्रकार की शक्ति और चेतना उत्पन्न होती है। इसके अतिरिक्त चुकन्दर दूध पिलाने वाली स्त्रियों के स्तनों में दूध को बढ़ाता है, यह जोड़ों के दर्द को दूर करता है। यह यकृत (जिगर) को शक्ति देता है और दिमाग को तरोताजा रखता है।

गुण (Property)

चुकन्दर शरीर को शुद्ध और स्वस्थ करता है। यह बलगम को गलाकर बाहर निकालता है तथा गुर्दे के दर्द, झनकबाई और गठिया के लिए लाभदायक होता है।

हानिकारक प्रभाव (Harmful effects)

चुकन्दर का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेचिश (खूनी दस्त) रोग हो जाता है।

विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)

जननांगों के रोग:

गाजर के लगभग 1 गिलास रस में चुकन्दर का रस मिलाकर रोजाना 2 बार पीने से स्त्रियों के जननांगों से संबन्धित सारे रोग में लाभकारी है।

पथरी:

चुकन्दर का रस या चुकन्दर को पानी में उबालकर इसका सूप सेवन करने से पथरी को गलने में मदद करता है ।

 यह गुर्दे के रोगों में लाभदायक है। इससे पेशाब अधिक मात्रा में आता है।

50 मिलीलीटर गाजर का रस, 50 मिलीलीटर चुकन्दर का रस, 50 मिलीलीटर ककड़ी या खीरा का रस मिलाकर पीने से सभी प्रकार की पथरी गलकर बाहर आ जाती है।

चुकन्दर का रस निकालकर या चुकन्दर को पानी में उबालकर उसका सूप 30 मिलीलीटर 2-3 सप्ताह तक दिन में 4 बार बनाकर पीने से पथरी गल जाती है।

बलगम:

चुकन्दर बलगम को निकालकर श्वास नली (सांस की नली) को साफ रखता है।

बालों में रूसी और जुएं:

चुकन्दर के पत्तों को पानी में उबालकर सिर धोने से फरास दूर हो जाती है और जुएं भी मर जाते हैं।

गंजापन:

चुकन्दर के पत्तों का रस निकालकर या पत्तों को पीसकर उसमें हल्दी मिलाकर गंजे सिर पर लगाने से बाल उगने लगते हैं और बालों का टूटकर गिर जाना या बालों का उड़ना भी बंद हो जाता है।

बवासीर:

चुकन्दर खाने या इसका रस पीते रहने से बवासीर के मस्से सुख  जाते हैं।


शारीरिक सौन्दर्य:

चुकन्दर और गाजर का रस रोजाना सेवन करने से शरीर में खून तेजी से बनता है और शरीर का सौन्दर्य निखरता है।

मानसिक निर्बलता:

चुकन्दर का रस रोजाना पीने और सलाद खाने से मानसिक निर्बलता (दिमागी कमजोरी) नष्ट हो जाती है और इसकी स्मरण शक्ति (याददाश्त) भी बढ़ जाती है।

स्तनों में दूध की वृद्धि:

चुकन्दर का रस रोजाना सेवन करने से स्त्री के स्तनों के दूध में वृद्धि होती है।

पाचनशक्ति:

चुकन्दर का रस रोजाना सेवन करने से पाचन क्रिया (भोजन पचाने की क्रिया) को अधिक शक्ति मिलती है।

कैंसर:

चुकन्दर का रस कैंसरनाशक व शक्तिवर्द्धक माना जाता है। चुकन्दर के रस का सेवन करने से वजन भी बढ़ता है।
आधा कप चुकन्दर का रस रोजाना दिन में 3 या 4 बार रोगी को देने से खून के कैंसर में बहुत लाभ मिलता है।

रक्तविकार:

चुकन्दर का रस रक्तशोधक (खून को साफ करने वाला) होता है और शरीर को लालसुर्ख बनाये रखता है।

रक्ताल्पता (खून की कमी):

शरीर में खून की कमी होने पर यह  बहुत ही लाभकारी होता है।

सिर की रूसी:

चुकन्दर की जड़ और चुकन्दर के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसमें थोड़ा नमक मिलाकर सिर में मालिश करने से सिर की रूसी कम हो जाती है।

कब्ज:

चुकन्दर को खाने से कब्ज दूर हो जाती है।

कान का दर्द:

चुकन्दर के पत्तों के रस को गुनगुना करके बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है।

मासिक-धर्म सम्बंधी परेशानियां:

1 कप चुकन्दर का रस गर्म करके इसमें थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर कुछ दिनों तक पीने से रुका हुआ मासिक-धर्म खुलकर आने लगता है।

मूत्ररोग:

1 चुकन्दर का रस, 1 चम्मच आंवले का रस तथा 1 चम्मच चौलाई के साग का रस पीने से मूत्र विकार (पेशाब के रोग) दूर हो जाते हैं।

गठिया रोग:

घुटने के दर्द को दूर करने में लाभकारी है ।



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